जब- जब धरा पर हुआ अत्याचार, प्रभु ने लिया अवतार :- पं राम जी
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन उमड़े भगवत प्रेमियों का सैलाब।
सितारगंज। नगर के सनातन धर्म मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन, भगवत प्रेमियों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान कथा वाचक पंडित राम जी ने कहा कि, जब-जब धरा पर अत्याचार हुआ प्रभु ने अवतार लिया।
कथा के दौरान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।इस दौरान नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर, उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।भागवत व्यास पर विराजमान वृंदावन से आये पंडित राम जी ने पहले धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला,साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है।जब राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर, श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को सामर्थ का अपव्यय करने की जगह, अपने अंदर परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।भागवत कथा में अध्यक्ष रोशन लाल अग्रवाल,महामंत्री सुरेश जैन,कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता,वरिष्ठ समाजसेवी महेश मित्तल, भीमसेन गर्ग,जितेन्द्र गोयल,भगवान सिंह भंडारी,विन्देश जायसवाल,मथुरा प्रसाद तिवारी,राजेंद्र बंसल,सुशीला गोयल,धर्मा देवी,कृष्णा गोयल,राजरानी गर्ग,लक्ष्मी सिंघल आदि मौजूद थे।